sri gurudev yogarshi sri kapil

आपके चरणों की धूलि

हम माथे पर लगायेंगे ।

चल पड़े हैं अब आपकी ओर

हम पहुंच ही जायेंगे ।।


गुरुदेव आपका मिलना हमें

कर चुका हमारा उद्धार ।

एक आप ही सहारा हैं प्रभुजी

सुन लीजिए हमारी पुकार ।। आपके चरणों की .. ।।


भाव नहीं, न प्रेम ही है

न ही हम भक्ति से भरे ।

ज्ञान विज्ञान किसे कहतें हैं

हम तो अज्ञानी ठहरे ।। आपके चरणों की .. ।।


योग याग और साधना

हम कुछ भी न कर पाते ।

पेट भरने की चिंता में ही

दिन रात बस लगे रहते ।। आपके चरणों की .. ।।


देखिए हमें भी एक बार

हम हैं न किसी भी काम के ।

इस दुनीयाँ ने ठोकर ही मारी

और न हो ही सके हम राम के ।। आपके चरणों की .. ।।


किसी तरह सारे फंदों से

दूर हमको कीजिये ।

अपनी परम कृपा करके

अब मुक्त हमको कीजिये ।। आपके चरणों की .. ।।


जंजाल है ये संसार हमारा

हम फंस कर न रहें ।

हाथ पकड़ लें आप हमारा

हम और दुख अब न सहें ।। आपके चरणों की .. ।।


योग या फिर भोग जो भी

साथ आप हमारे रहें ।

शीघ्र ही हम गति पाएं

आप बस करुणा करें ।। आपके चरणों की .. ।।


मैं बहुत कमजोर हूँ प्रभु

अब और लड़ नहीं पता हूँ मैं ।

अपने सारे दुर्गुणों से

नित्य ही मुँह की खाता हूँ मैं ।। आपके चरणों की .. ।।


एकबार आप आइये नाथ

त्राण मुझको दीजिये ।

हे करुणानिधान हमारे

अब मुझको ज्ञान दीजिये ।। आपके चरणों की .. ।।


आपके ही आसरे हूँ

मैं अधम नालायक बड़ा ।

आप सा न कोई है

इस जहाँ में तारक बड़ा ।। आपके चरणों की .. ।।


तार दीजिये हमें भी अब

विवेक किसी लायक नहीं ।

खुद से कुछ न कर पाएंगे हम

है झोली में कुछ भी नहीं ।। आपके चरणों की .. ।।