krishna_with_friend

( चित्र साभार - इस्कॉन )


माईक कोड़ बाबा के गेह

ब्रज गोपिकाक अद्भुत प्रेम

गोप सखा सबहक स्नेह

उद्धव, बिसरब कोना हम ब्रज के नेह ॥


पुलकाबय हमर देहक सभ अंग

चिन्मयी राधा केर अलौकिक संग

थिर न रहय हमर मन आ देह

बिसरब कोना हम ब्रज के नेह ॥


गैया मैया संग क्रीड़ा अनंत

साओन भादव वा हिम बसंत

मानहु स्वर्ग उतरल सदेह

बिसरब कोना हम ब्रज के नेह ॥


धेनु बेणु माखन मिसरी

कहू कोना हम बिसरी

स्वाद ओहन आ ओहन सनेह

उद्धव, बिसरब कोना हम ब्रज के नेह ॥