भगवती माता ( चित्र साभार - विकिपीडिया )
कृष्ण प्रिया तू रास विलासिनी ॥
जनजन भासिनि दिव्य प्रकाशिनि ॥
हरिप्रिया तू श्रृष्टि विलासिनि ॥
सिंधु सुता कमलासन वासिनि ॥
शिव भामिनी शक्ति स्वामिनि ॥
महागौरी तू ताण्डवलासिनि ॥
माता तू सब रूप में भासिनि ॥
रामवल्लभा सीता सुवासिनि ॥
विद्या-दात्रि मुक्ति प्रदायिनि ॥
वाग्-देवी प्रबुद्ध प्रभासिनि ॥
दुर्गा रूपा दुर्गति नाशिनि ॥
काली रूपा पाप विनाशिनि ॥
जय अम्बे अमृत उद्भासिनि ॥
प्रणतारत है दीन दिवाकर ॥
नारायणी निर्मल सुभाषिनि ॥