चित्र साभार - अनस्प्लैश
माधव, जीवन भेल व्यर्थ व्यतीत
बहु-विकल्प, विषय, व्यसन में
डूबल अछि हमर अतीत
जीवन भेल व्यर्थ व्यतीत ॥
नेह-बन्ध के मोह प्रबलता
आकर्षण रस रसनाक सबलता
मेटलक सभ सत्य प्रतीति
जीवन भेल व्यर्थ व्यतीत ॥
ओझल मन सं रहल मायावश
भजनानन्दक दिव्य अमृतरस
प्रभु चरण सं भेल नहिं प्रीत
जीवन भेल व्यर्थ व्यतीत ॥
वरण नहिं कएल प्रभु के आनंद
चिन्मय निर्झरणी परमानंद
रहल विरत जीवन संगीत
जीवन भेल व्यर्थ व्यतीत ॥
चित्र साभार - अनस्प्लैश