आरति करू गुरुदेव गुणी की
ब्रह्म तत्व आध्यात्म मुनी की ।।
सुख बरसावथि हिय हरसावथि
शिष्य जनक सन्मार्ग देखावथि ।
परम दिव्य परमार्थ प्रणी की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
मिथला मध्य शुभ अवतारल
ईश भक्ति जनजन में पसारल ।
साधु समर्थ सद् ज्ञान सुधी की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
योग सांख्य संदेश संवाहक
भव -मुक्ति जीवन उद्धारक ।
आत्म-ज्ञान सद्-ज्ञान धनी की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
ज्ञान प्रदाता अज्ञानी जन के
भक्ति प्रदाता पापी मन के ।
धर्म मार्ग सद् सत्य ध्वजी की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
विपिन, विवेक, भोला ब्रह्म चारी
अमित, हिमाद्रि, किरण सद्-चारी ।
गावथि आरति गुरुवर अग्रणी की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
सत्य नारायण, निर्मल मारवाडी
बिपिन, धर्मेन्द्र सभ व्यापारी ।
करथि निशि वन्दन गुरु मणि की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
आदित्य, नवल, दिनेश पाठक जी
पूजथि निश पूज्य-पद गुरुवरश्री ।
परम प्रकाश प्रिय हित सब ही की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
मनुराज, सन शिष्य गुण गावय
प्रति दिन भाव पुष्प चढाबय ।
सकल शिष्य के प्राण प्रणी की
आरति करू ~ ब्रह्म तत्व ~ ।।
आरति करू गुरुदेव गुणी की
ब्रह्म तत्व आध्यात्म मुनी की ।।